बम के मुहाने पर खड़ा देवरिया का बैतालपुर तेल डिपो
बम के मुहाने पर खड़ा देवरिया का बैतालपुर तेल डिपो
---------------------------------------------------------------------
#देवरिया
शुक्रवार 11अप्रैल लगभग 10बजे देवरिया जिले के बैतालपुर डिपो पर काम काज के दौरान एक टैंकर में ब्लास्ट होने से डिपो के अगल-बगल रह रहे लोगों मे अफरा तफरी मच गया। बैतालपुर डिपो के पास या बैतालपुर डिपो में आग लगती है या कोई हादसा होता है तो डिपो के 30 से लेकर के 35 किलोमीटर के एरिया को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर देगा। शुक्रवार को जब टैंकर में ब्लास्ट हुआ तो लोहे के छोटे-छोटे टुकड़े 100 मीटर से लेकर के 200मीटर की एरिया में गिरे, तमाम लोगों के मकानो मे दरार पड़ गए , सुरक्षा व्यवस्था की बात की जाए तो बैतालपुर डिपो में सुरक्षा व्यवस्था ना के बराबर है।सब कुछ भगवान भरोसे चल रहा है , यहां के जनप्रतिनिधि और अधिकारी जनता को कीड़े मकोड़े समझते हैं ,जिन मकानो को नुकसान हुआ उसका मुवायजा कौन देगा। यह पहली ऐसी घटना नहीं है इसके पहले 24फरवरी 2021को तेल डिपो के आयल टैंकर UP52एके 5657नम्बर का एक टैंकर इंडियन ऑयल के डिपो में तेल भरवाने पहुंचा सूत्रों की अनुसार ओटीपी लाक करते समय अचानक टैंकर के इंजन में आग लग गई आग लगते ही ड्राइवर कूद कर अपनी जान बचाई जब डिपो कर्मचारी जैकब निषाद सोपरी थाना गौरी बाजार गंभीर रूप से झुलस गया , बहुत मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया ।सन 2004मे डिपो के अंदर भीषण आग लग गई,अगल बगल के गांव पुलिसकर्मियों ने खाली करवाया, लोग अपने छतों पर पानी फेंकने लगे , पुलिस ने 20किलोमीटर के एरिया को प्रतिबंधित कर दिया। पुलिस बैतालपुर के तरफ जाने वाले वाहनों, यात्रियों को रोक लिया ,अपनी जान बचाने के लिए लोग इधर उधर भागने लगे डिपो से धुंआ का गुबार आसमान छू रहा था, अफरा तफरी का मंजर घंटों चला आग पर काबू पाने के लिए एयरफोर्स की मदद लेनी पड़ी ,आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेनी पड़ी काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका ,जबकि कई कर्मचारी झुलस गए और कुछ को जान गंवानी पड़ी, उसके बाद भी डिपो प्रबंधन और शासन प्रशासन सबक नहीं लिया , यदि सुरक्षा के ठोस इंतजाम नहीं किए गए तो डिपो के 30से लेकर 35किमी का एरिया हमेशा खतरे में जीवन जीएगा, इसलिए मैं कहता हूं कि डिपो बम के मुहाने पर खड़ा है । डिपो के 35किमी का एरिया भी बम के मुहाने पर खड़ा है जो हमेशा खतरा मंडराता रहेगा।
अनिरुद्ध विश्वकर्मा पत्रकार
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें